Arvind Kejriwal : दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में फंसे सीएम Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है। इसके लिए उन्हें 10 लाख का बेल बॉन्ड भरना होगा। Arvind Kejriwal ने सुप्रीम कोर्ट में दो अपील दायर की थी जिसमें जमानत की अपील के साथ-साथ सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भूइंया की पीठ ने मामले पर फैसला सुनाते हुए केजरीवाल को जमानत तो दे दी लेकिन सीबीआई की गिरफ्तारी सही थी या नहीं, इस पर दोनों जजों की राय अलग थी।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी वैध: जस्टिस सूर्यकांत
तीन प्रश्न हैं- क्या सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी में कानून का उल्लंघन हुआ था? क्या उन्हें (Arvind Kejriwal) तत्काल रिहा किया जा सकता है? और क्या आरोप पत्र दाखिल करना इस प्रकार का है कि उसे केवल ट्रायल कोर्ट जाना होगा? जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा नहीं है जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में है।
मजिस्ट्रेट ने वारंट जारी किया
सीबीआई ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि गिरफ्तारी क्यों आवश्यक थी। चूंकि न्यायिक आदेश था इसलिए धारा 41(ए)(3) का कोई उल्लंघन नहीं हुआ। इसलिए इस बात में कोई वजन नहीं है कि धारा 41(ए)(3) का अनुपालन नहीं किया गया। जब मजिस्ट्रेट ने वारंट जारी किया है तो आईओ (जांच अधिकारी) को इसके लिए कोई कारण बताने से छूट है। हमने माना है कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी में किसी प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं हुआ है, इसलिए गिरफ्तारी वैध है।
बंद तोते वाले धारणा को दूर करे सीबीआई
जस्टिस भूइंया ने आगे कहा कि सीबीआई को दिखाना होगा कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं। सीबीआई को बोर्ड से ऊपर देखा जाना चाहिए और हर संभव कोशिश की जानी चाहिए ताकि गिरफ्तारी अनियंत्रित तरीके से न हो। किसी देश में धारणा मायने रखती है और सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए और दिखाना चाहिए कि वह एक पिंजरे में बंद तोता नहीं है। सीबीआई को सीजर की पत्नी की तरह शक से ऊपर उठना चाहिए।
22 महीने बाद अचानक ऐक्टिव
जस्टिस भूइंया ने कहा, सीबीआई ने मार्च 2023 में Arvind Kejriwal से पूछताछ की गई थी लेकिन तब उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। सीबीआई ने उन्हें तब गिरफ्तार किया जब ईडी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई। सीबीआई को 22 महीनों तक गिरफ्तारी की जरूरत महसूस नहीं हुई लेकिन फिर अचानक एक्टिव हो गई और हिरासत की मांग की। सीबीआई द्वारा इस तरह की कार्रवाई गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाती है और सीबीआई ने इस तरह की गिरफ्तारी केवल ईडी मामले में दी गई जमानत को विफल करने के लिए की थी।
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अखिलेश बोले- यह संविधान की जीत
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक Arvind Kejriwal की जमानत पर प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने लिखा- दिल्ली के लोकप्रिय व जन कल्याणकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत ‘संविधान की जीत’ है। संविधान विरोधी ही संविधान का दुरुपयोग करते हैं। न्याय के दरवाजे पर दी गयी दस्तक हमेशा सुनी जाती है। दुनिया अब तक इसी परंपरा पर आगे बढ़ी है और आगे भी बढ़ती रहेगी।
इन शर्तों का करना होगा पालन: Arvind Kejriwal
- जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर पाएंगे। जब तक ऐसा करना जरूरी ना हो।
- केजरीवाल के दफ्तर जाने पर भी पाबंदी रहेगी। वे ना तो मुख्यमंत्री कार्यालय और ना सचिवालय जा सकेंगे।
- इस मामले में केजरीवाल कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर सकते हैं।
- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं कर सकते हैं।
- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल को नहीं मंगा सकते हैं। ना देख सकते हैं।
- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
- 10 लाख का बेड बॉन्ड भरना होगा।
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