CM Kejriwal: दिल्ली के केजरीवाल ने आप पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाला हूं। मेरी तरह मनीष सिसोदिया भी तब तक दिल्ली के उपमुख्मंत्री और दिल्ली के शिक्षा मंत्री का पद नहीं संभालेंगे। जब तक जनता ये नहीं कहती की CM Kejriwal ईमानदार हैं।
जनता की अदालत पर बात डाली
अगर आपको लगता है Kejriwal ईमानदार है तो चुनाव में जमकर वोट दें। केजरीवाल (AAP) ने कहा कि आज मैं जनता की अदालत में आया हूं। मैं आपसे पूछने आया हूँ कि क्या आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो या गुनहगार मानते हैं। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक आप मुझे ऐसा करने के लिए नहीं कहोगे।
मैं पैसे कमाने नहीं आया था
मैं इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि इन्होंने मुझ पर आरोप लगाया है कि मैंने भ्रष्टाचार किया है। मैं ये करने राजनीति में नहीं आया था। मैं सत्ता से पैसे और पैसे से सत्ता हासिल करने के लिए राजनीति में नहीं आया था।
दो विधायकों को लेकर अटकलें तेज
CM Kejriwal के इस्तीफे के बाद सीएम पद के लिए आतिशी मालेर्ना और सौरभ भारद्वाज के नाम को लेकर अटकलें तेज हैं। दरअसल, केजरीवाल के बाद पार्टी में सबसे बड़ा कद मनीष सिसोदिया का है। लेकिन केजरीवाल ने साफ कर दिया कि सिसोदिया भी सीएम नहीं बनेंगे। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि CM Kejriwal किसी भरोसेमंद को सीएम की कुर्सी देंगे।
इन दो नामों की अटकलें तेज
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार में आतिशी सबसे ज्यादा विभाग संभाल रही हैं। साथ ही 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए CM Kejriwal ने आतिशी का ही नाम भेजा था। आतिशी के साथ-साथ सौरभ भारद्वाज भी केजरीवाल के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे में उनके नाम को लेकर भी अटकलें तेज हैं।
CM Kejriwal की पत्नी भी बन सकती हैं सीएम
गौरतलब है कि सीएम केजरीवाल के जेल जाने के बाद कई बार उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल कैमरे के सामने आईं। उन्होंने अपने पति का पत्र पढ़कर सुनाया। केंद्र सरकार को लेकर अटैकिंग मोड में नजर आईं। ऐसे में नए मुख्यमंत्री को लेकर उनके नाम की भी अटकलें हैं। हालांकि केजरीवाल ने कहा कि इसे लेकर विधायकों की बैठक होगी जिसमें यह तय होगा कि अगला सीएम कौन बनेगा।
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जानिए कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दोबारा सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह महज एक नौटंकी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई निर्वाचित नेता जमानत पर जेल से बाहर आया हो और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सीएमओ न जाने और किसी भी कागज पर हस्ताक्षर न करने को कहा हो।
ऐसी शर्तें पहले कभी किसी सीएम पर नहीं लगाई गई। शायद सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि यह व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और CM Kejriwal का कोई संबंध नहीं है।
अब हरियाणा में फोकस करेंगे CM Kejriwal
हरियाणा में बीते 10 सालों से बीजेपी की सरकार है, जबकि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है. इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल, जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बार केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
हालांकि हरियाणा में आप का कैडर उतना मजबूत नहीं है, जितना कि दिल्ली या पंजाब में है। इसलिए अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है।
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