हरियाणा के जिला जींद में रविवार को KISAN PANCHAYAT का आयोजन किया गया। जिसमें किसान संगठनों ने अपनी अगली रणनीति कुरुक्षेत्र के जिला पिपली में बनाने की घोषणा की। गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने महापंचायत की अध्यक्षता की।
महापंचायत में किसानों ने ऐलान किया कि 22 सितम्बर को पिपली में KISAN PANCHAYAT का आयोजन किया जाएगा। साथ ही सरकार के खिलाफ रैलियां भी निकाली जाएंगी। पंजाब से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल महापंचायत में मौजूद रहे। इस दौरान अनाज मंडी में भारी पुलिस बल तैनात रहा।
भाजपा को दोबारा सत्ता में नहीं आने देंगे
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा की जनता BJP सरकार को उसके 10 साल के शासन की सजा देना चाहती है। भाजपा सरकार इससे डर गई है और अपना गुस्सा किसानों पर निकाल रही है। किसान-मजदूरों पर गोली चलाने वाली सरकार को जनता दोबारा सत्ता में नहीं आने देगी।
पंजाब से भी पहुंचे किसान (Kisan Panchayat)
महापंचायत में किसानों का भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने का प्रयास है। महापंचायत में बड़ी संख्या में हरियाणा और PUNJAB के किसान शामिल हुए हैं। इससे पहले ही पुलिस ने रात को दाता सिंह वाला बॉर्डर के आसपास से निकलने वाले सभी रास्ते भी बंद कर दिए थे। वहीं कैथल की तरफ से बैरिकेड्स लगाकर रास्ता पूरी तरह से बंद कर दिया है।
वहीं, इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के युवा KISAN नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि पुलिस कितने भी रास्ते रोक ले, लेकिन Kisan Panchayat में जरूर पहुंचेंगे। किसी भी सूरत में किसानों का जत्था नहीं रुकेगा। यदि किसानों को जबरदस्ती रोकने की कोशिश की तो वहीं पर किसान धरना लगाकर बैठ जाएंगे।
किसानों ने नहीं ली Kisan Panchayat की अनुमति
वहीं उचाना थाना प्रभारी पवन कुमार ने कहा कि महांपचायत (Kisan Panchayat) के लिए किसानों का अनुमति लेनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक कोई भी अनुमति नहीं ली गई है। उच्च अधिकारियों के आदेश पर बॉर्डर सील किया गया है। किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
किसानों ने इससे पहले शनिवार को भी बैठक करके महापंचायत को सफल बनाने की रणनीति बनाई थी। किसानों का उद्देश्य है कि किसी तरीके से किसानों, मजदूरों व अन्य वर्ग के लोगों को एकजुट करके भाजपा के खिलाफ किया जाए।
फरवरी से किसान कर रहे प्रदर्शन
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर PUNJAB के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।
किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।
फरवरी से किसान कर रहे प्रदर्शन
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।
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