Halopa-INLD Alliance: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले इनेलो-बसपा गठबंधन के साथ हलोपा ने गठबंधन कर लिया है। अब तीनों पार्टी मिलकर हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
इनेलो के प्रमुख अभय सिंह चौटाला हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा के साथ प्रैस वार्ता कर गठबंधन पर मुहर लगाई है। दोनों नेताओं की मुलाकात सिरसा की कुटिया में हुई है। गोपाल कांडा सिरसा विधानसभा सीट से उम्मीदवार होंगे। बाकी सीट पर इनेलो और बसपा की मदद करेंगे।
अजय सिंह चौटाला ने कसा तंज-Halopa-INLD Alliance
इनेलो, बसपा और हलोपा गठबंधन पर डॉ. अजय सिंह चौटाला ने भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि गोपाल कांडा एनडीए का भागीदारी है। जल्द ही इनेलो प्रमुख अभय सिंह एनडीए का हिसा होंगे। दोनों के बीच ये नूरा कुश्ती है और कुछ नहीं।
कांडा की बीजेपी से नहीं बन पाई बात
बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी और जेजेपी 10 सीटों पर जीती थी। सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन किया। वहीं गोपाल कांडा ने बिना किसी शर्त के बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन सरकार को पूरे पांच साल तक समर्थन दिया।
सिरसा-रानियां की सीट मांगी थी
इसके बदले गोपाल कांडा ने इस बार बीजेपी से सिरसा और रानिया दो सीटें मांगी थीं। लेकिन, दोनों के बीच सीटों को लेकर बात नहीं बन पाई तो गोपाल कांडा ने रानिया सीट से धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया और खुद सिरसा सीट से मैदान में उतर गए। ((Halopa-INLD Alliance)
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अभय सीएम के चेहरे के तौर किया पेश
(Halopa-INLD Alliance:) बीजेपी से गठबंधन की बात सिरे नहीं चढ़ने की वजह से अब हलोपा के प्रमुख गोपाल कांडा ने इनेलो-बसपा गठबंधन के साथ रूख कर लिया है। बता दें कि इनेलो-बसपा के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। गठबंधन के तहत से इनेलो 53 सीटों और बसपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह चुकी है। वहीं अभय को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया जा रहा है।
गोकुल सेतिया को हराया था
बता दें कि 2019 के चुनाव में सरसा सीट से हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार गोकुल सेतिया को हराया था। गोपाल कांडा को 44,915 वोट और दूसरे नंबर पर रहने वाले गोकुल सेतिया को 44,313 वोट मिले थे।
चौटाला परिवार के करीब रहे हैं कांडा
गोपाल कांडा के करोड़पति बनने का असली कहानी साइबर सिटी गुरुग्राम से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस वक्त हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री थे। उनकी अगुवाई में इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार थी। उस समय गोपाल कांडा हलोपा सुप्रीमो चौटाला के बेहद करीब थे।
चौटाला सरकार में बनाई प्रॉपर्टी- Halopa-INLD Alliance:
ओम प्रकाश चौटाला की सरकार के दौरान गोपाल कांडा ने सरसा जिले में तैनात रहे एक आईएएस अफसर के साथ मिल गए। उसी वक्त सिरसा में तैनात रहा वह आईएएस अधिकारी भी गुरुग्राम में हुड्डा प्रशासक लग गया। उससे मित्रता का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम में प्लाटों की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी। Halopa-INLD Alliance:
निर्दलीय चुनाव लड़कर भूपेन्द्र हुड्डा के खास बन गए
2004 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी, इनेलो हार गई और राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी। कहा जाता है कि आज साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम को बनाने का श्रेय काफी हद तक हुड्डा को ही जाता है।
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2009 में लक्ष्मण दास को हराया-Halopa-INLD Alliance:
वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा (Halopa-INLD Alliance:) ने सिरसा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और हुड्डा सरकार में उद्योग मंत्री रहे लक्ष्मण दास अरोड़ा को हराकर विधानसभा पहुंचे। उस दौर में सियासत में यह चर्चा आम थी कि लक्ष्मण दास अरोड़ा को हराने और गोपाल कांडा को जिताने में तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं ने ही अहम भूमिका निभाई। कांडा का धन-बल भी बड़ा फैक्टर रहा।
अप्रैल 2010 में कांडा-इनेलो नेता आपस में भिड़े
2009 के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार में गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा (Halopa-INLD Alliance:) का खूब दबदबा था, जिसकी बदौलत कांग्रेस के ही कुछ नेताओं को कांडा अखरने लगा। फिर कांडा ने सिरसा में भी अपना कद काफी बड़ा कर लिया था। उस दौरान हुड्डा जब भी सिरसा पहुंचते तो इनेलो उनका तगड़ा विरोध किया करती थी।
जब सिरसा में हुआ पूरा विवाद- (Halopa-INLD Alliance:)
अप्रैल 2010 में तत्कालीन सीएम हुड्डा की सिरसा में जनसभा थी। इसके विरोध में इनेलो नेताओं ने जबरन बाजार बंद करवाना शुरू कर दिया। इसका पता चलते ही गोपाल कांडा Halopa-INLD Alliance: खुद बाजार में पहुंच गए। वहां गोपाल कांडा की इनेलो नेताओं से तीखी बहस हो गई और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। इसके बाद कांडा के सुरक्षा गार्डों ने इनेलो नेताओं को बीच बाजार जमकर पीटा और उनके कपड़े तक फाड़ डाले। उसके बाद सिरसा का पूरा बाजार खुल गया।
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